चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अब तक सिर्फ चार मुद्दों पर वोट दिए जाते रहे हैं। पहली जाति और दूसरा धर्म। तीसरा पाकिस्तान को सबक सिखाने और चौथा- लालू का अपराध वाला शासन नहीं आए। आप लालू और मोदी के चेहरे पर वोट न दें।
लालू और मोदी के चेहरे पर वोट न दें, नीतीश कुमार का तो सूपड़ा साफ होने जा रहा है – प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अब तक सिर्फ चार मुद्दों पर वोट दिए जाते रहे हैं। पहली जाति और दूसरा धर्म। तीसरा पाकिस्तान को सबक सिखाने और चौथा- लालू का अपराध वाला शासन नहीं आए। आप लालू और मोदी के चेहरे पर वोट न दें।
चुनावी रणनीतिकार व जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में लोग लालू प्रसाद यादव के राजद के डर से भाजपा और नरेंद्र मोदी को व भाजपा के डर से राजद को वोट देते हैं।
नीतीश कुमार का तो सूपड़ा साफ होने जा रहा है
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार का तो सूपड़ा साफ होने जा रहा है। नीतीश कुमार कहीं हैं ही नहीं। वह तो पेंडुलम की तरह लटकने के आदी हो गए हैं। कब लालटेन व कब कमल पर लटककर अपनी कुर्सी बचाएंगे, गारंटी नहीं।
प्रशांत किशोर ने लोगों से सही तरह से मताधिकार को प्रयोग करने की सीख देते हुए कहा कि न लालू यादव न पीएम नरेंद्र मोदी , बल्कि अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट दीजिए। रविवार को सुप्पी व रीगा प्रखंड के अख्ता उतरी, पूर्वी, रामनगरा, बभनगामा व ससौला आदि गांवों में पदयात्रा के दौरान नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 32 वर्षों से बिहार में चार बातों पर ही वोट पड़ते हैं। पहली जाति और दूसरा धर्म, तीसरा पाकिस्तान को सबक सिखाने और चौथा- लालू का अपराध वाला शासन नहीं आए, इसके लिए भाजपा को व मुसलमान के भाजपा डर से लालू के लालटेन पर वोट देते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोग बच्चों की उचित शिक्षा, भविष्य निर्माण, रोजगार व बिहार के विकास के लिए वोट नहीं देते हैं। इसी कारण से हम बिहारियों की दुर्दशा है।
लालू यादव को बेटा कि चिंता
प्रशांत किशोर ने कहा कि देखिए लालू यादव को, उनका बेटा नौवीं कक्षा पास नहीं है, फिर भी उनको उसकी चिंता सता रही है कि बेटा बिहार का मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कहा कि अच्छी बात है, वे एक अच्छे पिता का धर्म निभा रहे हैं, लेकिन आप कहां सोए हुए हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि आपके बच्चे जो बीए, एमए पास कर गए हैं, को चपरासी की नौकरी भी नहीं।आपको भी अपने बच्चों की चिंता करनी चाहिए। जब तक आप अपने बच्चों के भविष्य के लिए स्वार्थी नहीं बनिएगा और बच्चों का चेहरा देखकर वोट नहीं करिएगा, तब तक कोई नेता आपकी मदद नहीं करेगा।